Considerations To Know About shiv chalisa lyrics in punjabi

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अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

त्रिपुरासुरेण सह युद्धं प्रारब्धम् ।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

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शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे 

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस here समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

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